ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व की नगरी भाटापारा मे उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित प्रदेश का प्रथम गोविंद सारंग शासकीय विधि महाविद्यालय भाटापारा (छ.ग.) अंचल के प्रत्येक नागरिक को गौरवान्वित करने के लिए पर्याप्त है। शिक्षा मनुष्य के जीवन का महत्त्वपूर्ण लक्ष्य है, इसीलिए मानव अधिकारो के सार्वभौमिक घोषणा-पत्र मे शिक्षा को मनुष्य के मूल अधिकारों में से एक माना गया है।
उचित शिक्षा उपाधि के साथ ‘विनय’, ‘शील’ और ‘सदाचरण’ जैसे आत्मिक गुण का विकास करती है। जिससे सकारात्मक विचार जन्म लेते है। विचार संसाधन है जिसे नियंत्रित, संयमित एवं उपयोगी बनाकर जीवन में अभीष्ट परिणाम प्राप्त किया जा सकता है। ये आधार स्तंभ है, जिस पर मनुष्य अपने चरित्र का निर्माण कर समाज और राष्ट्र के उत्कर्ष एवं अभ्युदय का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे स्नेहिल छात्र-छात्राएँ विवेकानंद की उक्ति को ‘‘उत्तिष्ठत् जागृत प्राप्य वरान्निबोधित्’’ चरितार्थ करेंगें। ’श्रेष्ठ‘, ‘शुभ’, ‘मंगलमय’ चिंतन के साथ अपने आसपास को सुवासित रखेगे। सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए समर्पित यह संस्थान आस्था और विश्वास की पीढ़ी तैयार करेगी और अंचल मे सामाजिक न्याय के मंदिर (TEMPLE OF SOCIAL JUSTICE ) के रूप में ख्याति अर्जित करेगी।
Dr. Rita Diwan
Principal
Govind Sarang Govt. Law College Bhatapara (C.G.)